रायपुर। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक बार फिर भारत पर टिप्पणी करने का मौका नहीं छोड़ा—इस बार उन्होंने पहलगाम अटैक पर प्रतिक्रिया देते हुए सीधे छत्तीसगढ़ को भी लपेटे में ले लिया।
पाकिस्तानी मीडिया से बातचीत में आसिफ ने कहा कि भारत को अपने घर की खिड़कियाँ ठीक करनी चाहिए, दूसरों की दीवारें गिराने से पहले। उनका कहना है कि पहलगाम हमला ‘घर की ही उपज’ है और पाकिस्तान का इससे कोई वास्ता नहीं। इसके समर्थन में उन्होंने छत्तीसगढ़, मणिपुर, नागालैंड और कश्मीर जैसे राज्यों का उदाहरण दिया, जहाँ उनके मुताबिक “हुकूमत के खिलाफ बगावतें चल रही हैं।”
आसिफ बोले – “ये इंडिया की होम ग्रोन सिचुएशन है। मुख्तलिफ रियासतों में दर्जनों बगावतें चल रही हैं। नागालैंड से लेकर मणिपुर, कश्मीर और छत्तीसगढ़ तक लोग अपने हुकूक (अधिकार) मांग रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि हिंदुत्व की सरकार देश की विविधताओं को दबा रही है—मुसलमान, ईसाई, बौद्ध—सभी को शोषण का शिकार बताया। और इस सबके चलते अगर कोई हथियार उठाता है, तो पाकिस्तान को दोष देना उन्हें “बहुत आसान” लगता है।
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को किसी भी सूरत में समर्थन नहीं देता और निर्दोष लोगों की मौत की निंदा करता है—लेकिन भारत को अपने अंदर की \’बगावतों\’ पर नज़र डालनी चाहिए।
विश्लेषण:
इस बयान से एक बार फिर ये साफ होता है कि पाकिस्तान, भारत की आंतरिक समस्याओं को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाकर खुद को क्लीन चिट देने की कोशिश करता है। लेकिन सवाल ये उठता है—क्या वाकई बगावत की परिभाषा इतनी आसान है?