Movement in Naxal belt increased, walls of red corridor shook due to operation of security forces

नक्सल बेल्ट में हलचल तेज, सुरक्षा बलों के ऑपरेशन से हिली लाल गलियारे की दीवारें

रायपुर। छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सरहदों पर इन दिनों गूंज रहे हैं बूटों की आहट, गोलियों की तड़तड़ाहट और जंगल की गहराइयों में छुपे खौफ के साए। बीते चार दिनों से एक ऐसा ऑपरेशन चल रहा है, जिसे अब तक का सबसे बड़ा साझा अभियान माना जा रहा है। 5 से 8 हजार जवान एकजुट होकर उस लाल आतंक की जड़ों को काटने निकले हैं, जो दशकों से इन इलाकों में दहशत बो रहा था।

लेकिन अब हालात बदले-बदले से हैं। दबाव में आए नक्सलियों ने पहली बार एक ऐसा प्रेस नोट जारी किया है, जिसमें उन्होंने सीधे-सीधे सरकार से अपील की है – \”बंद करो ये सैन्य कार्रवाई, चलो बातचीत की टेबल पर।\”

उत्तर-पश्चिम सब जोनल ब्यूरो के प्रभारी रूपेश ने इस अपील में साफ कहा, \”हम समाधान चाहते हैं, संघर्ष नहीं। अगर सरकार चाहें तो एक महीने के लिए ऑपरेशन स्थगित करें, हम सकारात्मक रुख दिखाएंगे।\”

इस अपील के पीछे डर भी है, उम्मीद भी। क्योंकि अब तक की मुठभेड़ों में 6 नक्सलियों की मौत हो चुकी है, और इलाके में तनाव चरम पर है।

अब देखना होगा कि क्या सरकार इस अपील पर भरोसा जताती है, या ऑपरेशन और भी तेज़ करने की तैयारी में है।

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